12+ दिल्ली में घूमने की लोकप्रिय जगहें | Delhi Me Ghumne Ki Jagah

दिल्ली यमुना नदी के किनारे पर बसा भारत का एक खूबसूरत शहर हैं। दिल्ली अपने राजनीतिक आंदोलनों, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक केंद्र के रूप में जानी जाती हैं। दिल्ली का अपना बहुत पुराना इतिहास हैं। दिल्ली में महाभारत काल से लेकर अंग्रेजों से आजाद होने के पहले तक कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी। दिल्ली को दो मुख्य भागों पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली में बांटा गया हैं।

पुरानी दिल्ली में मुगलों द्वारा बनाई गई कई सारी इमारतें स्थित हैं और यहाँ पुरानी संकरी गालियाँ और पुराने बाजार भी स्थित हैं। वहीं नई दिल्ली में सरकारी भवन, संग्रहालय, पार्क और फेमस होटल स्थित हैं। दिल्ली भारतीय यात्रियों के अलावा विदेशी यात्री भी बड़ी मात्रा में आते हैं।

दिल्ली में अच्छी घूमने फिरने की जगहों से लेकर हर राज्य का पारंपरिक खाना आपको आसानी से मिल जाएगा। यहां पर धार्मिक केन्द्रों के साथ-साथ भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रवेश द्वार का एक महत्वपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश हैं। यहां भारत के इतिहास के की कई यादें भी देखने को मिलती हैं।

Delhi Me Ghumne Ki Jagah

12 प्रसिद्ध दिल्ली के पर्यटन स्थल – Delhi Me Ghumne Ki Jagah

दिल्ली में घूमने के लिए कई सारे पर्यटन स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद और ऐतिहासिक धरोहर उपलब्ध है। इनमें से कुछ प्रसिद्ध दिल्ली के पर्यटन स्थल के बारे में जानकारी प्राप्त करेगें।

1. दिल्ली का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक – National War Memorial Delhi

दिल्ली का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों को समर्पित एक स्मारक हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास किया गया हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध, सन 1947, 1965, 1971 के भारत पाक युद्ध और सन 1999 का कारगिल युद्ध एवं श्रीलंका में भारत के शांति सेना ऑपरेशन में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सैनिको की स्मृति में किया गया हैं।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के माध्यम से देश के वीर जवानों की शहादत को याद रखने रखने के लिए एवं आने वाली पीढ़ी को देश के जवानों के उच्च बलिदान के बारे में अवगत कराने के लिए निर्माण किया गया हैं। वीर जवानों की याद में यहाँ एक 15 मीटर ऊंचा स्तंभ भी बनाया गया हैं। इसी स्तंभ के नीचे ही अखंड ज्योति लगातार जलती रहती हैं। इस स्तंभ के किनारे ही सभी शहीद वीर जवानों के नाम लिखे गए हैं।

2. लाल किला – Delhi Ka Lal Kila

दिल्ली के लाल किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ के द्वारा करवाया गया था। पुरानी दिल्ली में स्थित लाल किला एक ऐतिहासिक किला हैं। लाल किले का निर्माण वास्तुकार उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने 1638 में इसका निर्माण शुरू किया था और इसका निर्माण वर्ष 1648 में पूरा हुआ। लाल किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों की मदद से किया गया हैं, जो कि यहां पर आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।

आपको लाल किला में संग्राहलय देखने को मिलेगा और पारंपरिक हस्तशिल्प, सजावटी सामान, कृत्रिम गहने आदि इसके मीना बाजार में जगमगाते हुए मिलेंगे। शाम के समय यहां की लाइट और साउंड का शो आपको बहुत ही अच्छा लगेगा। लाल किले के परिसर में कई उल्लेखनीय संरचनाएं स्थित हैं, जिनमें दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास शामिल हैं। लाल किले पर हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता हैं।

3. कुतुब मीनार – Qutub Minar

कुतुबमीनार भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। कुतुबमीनार का निर्माण 1192 में दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा शुरू किया गया था। परन्तु इसे इल्तुतमिश के द्वारा पूरा किया गया था। कुतुबमीनार भारत का सबसे खास और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैं।

कुतुबमीनार दक्षिण दिल्ली में महरौली में स्थित हैं। कुतुबमीनार जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है। कुतुबमीनार में ऊपर की तरफ 379 सीढ़ियां भी बनाई गई हैं और यह 5 मंजिला हैं। कुतुबमीनार के पास पारसी-अरेबिक और नागरी भाषाओं में लिखी हुई कुछ शिलालेख भी देखने को मिलते हैं।

4. इंडिया गेट – India Gate Delhi

इंडिया गेट भारत के दिल्ली के केंद्र में स्थित एक प्रमुख स्मारक हैं। इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों के लिए बनवाया गया था। इंडिया गेट का डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स के द्वारा तैयार किया गया था। जब भी दिल्ली घूमने के लिए आए, तो इंडिया गेट जरूर घूमे और अपने अंदर देश प्रेम को जाग्रित करते हुए इसकी वीरता के गवाह जरूर बने।

5. हुमायूँ का मकबरा – Humayun Ka Maqbara

Humayun Ka Maqbara की स्थापना हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा बानो बेगम ने सन 1569 ईस्वी में करवाया था। हुमायूँ के मकबरे की वास्तुकला ताजमहल जैसी ही है। लाल पत्थर व संगमरमर से बना यह मकबरा भी मुगल वास्तुकला का प्रशंसनीय उदाहरण है। हुमायूँ के मकबरे के पास कई सारे बगीचे मौजूद है, उन्हीं बगीचे के बीच इस मकबरे का निर्माण किया गया है। मुगल शासक हुमायूँ के अलावा यहां पर और भी कई मुगल शासकों की कब्र मौजूद हैं।

हुमायूँ का मकबरा, जिसे हुमायूँ मकबरा के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली, भारत में स्थित एक ऐतिहासिक मकबरा है। यह 16वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे मुगल वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति माना जाता है। मकबरे का निर्माण मुगल सम्राट हुमायूं के लिए किया गया था और यह खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है। इसने ताजमहल के बाद के निर्माण के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य किया। यह साइट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

6. दिल्ली का जंतर मंतर – Delhi Ka Jantar Mantar

जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह ने सन 1724 ईस्वी में कराया था। दिल्ली की इस वेधशाला के अलावा उन्‍होंने जयपुर, उज्‍जैन, वाराणसी और मथुरा मे इसी प्रकार की अन्‍य वेधशालाओं का निर्माण कराया था। इस जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण समय तथा ग्रहों की गति का अध्ययन करने के लिए करवाया गया था। जंतर मंतर में 13 आर्किटेक्चर इकोनामी यंत्र मौजूद है, जो सूर्य की मदद से समय तथा ग्रहों की संपूर्ण जानकारी देते हैं। कहा जाता है कि जब मोहम्मद शाह के शासन काल में हिन्दु और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों में ग्रहों की स्थिति को लेकर बहस छिड़ गई थी, तब इस बहस को खत्म करने के लिए महाराजा सवाई जयसिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया था।

यहां पर स्थापित ‘मिस्त्र यंत्र’ साल के सबसे बड़े व छोटे दिनों को नापने के लिए, जबकि ‘राम यंत्र’ और ‘जय प्रकाश यंत्र’ खगोलीय पिंडों की गति के बारे में दर्शाता है। इसके अलावा परिसर में स्थापित ‘सम्राट यंत्र’ समय बताने का काम करती हैं। जंतर-मंतर को घूमने के लिए आपको टिकट लेनी पड़ेगी।जंतर मंतर दिल्ली, भारत में स्थित एक खगोलीय वेधशाला है। इसे 18वीं सदी में राजपूत राजा और खगोलशास्त्री महाराजा जय सिंह द्वितीय ने बनवाया था।

जंतर मंतर में आकाशीय पिंडों को देखने और समय मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले वास्तु उपकरणों का संग्रह है। इन उपकरणों को सटीकता के साथ डिजाइन किया गया है और फिर भी उनकी कार्यक्षमता बरकरार है। वेधशाला एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और वैज्ञानिक स्थल है और खगोल विज्ञान और वास्तु चमत्कार में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है।

7. छत्तरपुर मंदिर – Chattarpur Temple Delhi

दक्षिणी दिल्ली में स्थित छत्तरपुर मंदिर देवी कात्यायनी को समर्पित है। छत्तरपुर मंदिर आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह कुतुब मीनार से केवल 4 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना बाबा संत नागपाल ने सन 1974 में की थी। इस मंदिर में स्थित शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, हनुमान, लक्ष्मी जैसे कई भगवानों की भव्य मूर्ति आपको आनंदमय कर देते हैं और आप भक्ति में लीन हो सकते हैं। आपके मन को अत्यंत शांति मिलेगी।

छतरपुर मंदिर, जिसे श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के दक्षिण दिल्ली के छतरपुर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह हिंदू देवी दुर्गा के एक रूप देवी कात्यायनी को समर्पित है। मंदिर परिसर एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और अपनी स्थापत्य भव्यता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। इसमें कई मंदिर, प्रांगण और खूबसूरती से तैयार की गई मूर्तियाँ हैं। छतरपुर मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और देश भर से भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान।

8. अक्षरधाम मंदिर – Akshardham Temple Delhi

अक्षरधाम मंदिर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो दिल्ली में स्थित है। अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में खोला गया था। अक्षरधाम मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। अक्षरधाम मंदिर इतना सुंदर हैं कि आप एक बार अंदर घुसने के बाद आप इसकी तारीफ करते नहीं थकेंगे। मंदिर के दर्शन करने के बाद आपको एक अदभुद आनंद की प्राप्ति होती है। अक्षरधाम मंदिर अलग-अलग भागों में बँटा हुआ है जिसमें नौका विहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम ये सभी आपको बेहद आनंद से भर देंगे।

अक्षरधाम मंदिर यहां की लेजर वॉटर शो के बिना अधूरी सी है। 24 मिनट के इस शो में वॉटर, प्रोजेक्शन, म्यूजिक, फायर, लेजर, एनिमेशन और टेक्नोलॉजी की मदद से एक ऐसा शो तैयार किया गया है, जो आपको एक शानदार अनुभव देता है। अक्षरधाम मंदिर, आधिकारिक तौर पर स्वामीनारायण अक्षरधाम के रूप में जाना जाता है, भारत के दिल्ली में स्थित एक शानदार हिंदू मंदिर परिसर है। 2005 में निर्मित, यह भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है।

यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है और इसमें जटिल नक्काशीदार पत्थर की संरचनाएं, लुभावनी मूर्तियां और एक आश्चर्यजनक केंद्रीय स्मारक है। परिसर में प्रदर्शनी हॉल, उद्यान और एक संगीतमय फव्वारा शो भी है। अक्षरधाम मंदिर अपने स्थापत्य वैभव और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, जो लाखों आगंतुकों को आकर्षित करता है जो इसकी सुंदरता की प्रशंसा करते हैं, आध्यात्मिक शांति की तलाश करते हैं, और भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में सीखते हैं।

9. कमल मंदिर – Lotus Temple Delhi

अगर आप दिल्ली घूमने आए और Lotus Temple ना घूमे तो आपका दिल्ली घूमना अधूरा है। कमल के फूल के समान दिखने वाले इस मंदिर में एकदम शांत माहौल मिलेगा। Lotus Temple दिल्ली के नेहरू प्लेस में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण सन 1986 में किया गया था। कमल मंदिर एक बहाई उपासना मंदिर है, जहां न कोई भगवान की प्रतिमा रखी गई है, और ना ही यहां पर किसी तरह की पूजा-अर्चना की जाती है।

यहां लोग सिर्फ अपनी मन की शांति के लिए आते हैं और घंटों बैठकर यहां की खूबसूरती का आनंद लेते हैं।लोटस टेंपल, जिसे आधिकारिक तौर पर बहाई हाउस ऑफ उपासना के रूप में जाना जाता है, दिल्ली, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध वास्तुशिल्प चमत्कार है। कमल के फूल के आकार का यह मंदिर बहाई आस्था का पूजा स्थल है, जो सभी धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों का स्वागत करता है। यह 27 संगमरमर की पंखुड़ियों के साथ अपने अद्वितीय कमल के आकार की संरचना की विशेषता है, जो हरे-भरे बगीचों से घिरा हुआ है और ताल को दर्शाता है।

मंदिर के अंदर, आगंतुक शांत और मौन वातावरण में ध्यान या प्रार्थना कर सकते हैं। लोटस टेंपल अपनी वास्तुकला की सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, जो एकता, शांति और शांति को बढ़ावा देता है। यह दुनिया भर के आगंतुकों को आकर्षित करता है जो इसके आश्चर्यजनक डिजाइन की प्रशंसा करने और इसके आध्यात्मिक माहौल का अनुभव करने आते हैं।

10. इस्कॉन मंदिर – Iskcon Temple Delhi

Iskcon Temple Delhi भगवान कृष्ण व राधा को समर्पित दिल्ली का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। दिल्ली में स्थित इस मंदिर को ‘हरे रामा हरे कृष्णा मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। अपनी भव्यता का प्रदर्शन करता यह मंदिर आपको बेहद रोमांचक लगेगा। जन्माष्टमी के अवसर यह मंदिर दुल्हन की तरह सजाया जाता है। यह सिर्फ आध्यात्मिकता का केंद्र नहीं है, बल्कि यह म्यूज़ियम, रेस्टोरेंट व शादी, पार्टियों का भी केंद्र है।

दिल्ली में इस्कॉन मंदिर, जिसे श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह भारत के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिरों में से एक है। मंदिर परिसर नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश के हरे कृष्णा हिल्स क्षेत्र में स्थित है। इसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जैसे अन्य देवताओं के साथ-साथ राधा-कृष्ण की खूबसूरती से तैयार की गई मूर्तियाँ हैं।

मंदिर नियमित प्रार्थना, भजन (भक्ति गायन), और आध्यात्मिक प्रवचन आयोजित करता है। यह अपने आगंतुकों को शाकाहारी प्रसादम (पवित्र भोजन) भी प्रदान करता है। दिल्ली में इस्कॉन मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल और आध्यात्मिक गतिविधियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र है।

11. जामा मस्जिद – Jama Masjid Delhi

जामा मस्जिद पुरानी दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध मस्जिद हैं। जिसका निर्माण सन् 1656 में शाहजहाँ के द्वारा कराया गया था। लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनी इस मस्जिद में एक बार में 25,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं। ईद के मौके पर लोगों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है। जामा मस्जिद में तीन प्रवेश द्वार, चार टावर और दो मीनारें हैं।

जामा मस्जिद न केवल एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं,बल्कि एक प्रमुख पर्यटक स्थल भी हैं। यहां लाखों पर्यटक जामा मस्जिद घूमने आते हैं। अगर आप भीड़ से बचना चाहते है, तो सुबह के समय यहाँ आना उचित होगा। जामा मस्जिद में प्रवेश करने के लिए आपको किसी टिकट की जरूरत नहीं है। यह एकदम मुफ्त है।

12. नेशनल रेल म्यूजियम – National Rail Museum Delhi

पुरानी रेल धरोहर को संरक्षित करने वाला राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित नेशनल रेल म्यूजियम दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है। इस म्यूजियम में तकरीबन 150 साल से भी ज्यादा पुरानी रेल से जुड़ी अलग-अलग झलक देखी जा सकती है। नेशनल रेल म्यूजियम की स्थापना 1977 ईस्वी के दौरान किया गया था। जिसमें कुछ टॉय ट्रेन भी शामिल है। इसमें डीजल इंजन व स्टीम इंजन से चलने वाली रेल भी देखने को मिलेंगी। यहाँ आपको शाही रेलों की सैर के साथ-ही-साथ रेस्टोरेंट में अच्छा भोजन भी मिल जाएगा।

नेशनल रेल म्यूजियम बच्चों को घुमाने की सबसे उचित जगह हैं।राष्ट्रीय रेल संग्रहालय भारत में रेल परिवहन के इतिहास को समर्पित एक संग्रहालय है। नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित, यह पुराने लोकोमोटिव, कोच और रेलवे की अन्य कलाकृतियों का एक विस्तृत संग्रह प्रदर्शित करता है। संग्रहालय में ऐतिहासिक भाप इंजन, इलेक्ट्रिक और डीजल लोकोमोटिव, शाही गाड़ी और एक कामकाजी मॉडल रेलवे के प्रदर्शन सहित इनडोर और आउटडोर प्रदर्शन शामिल हैं।

आगंतुक भारत में रेलवे के विकास के बारे में जानने के लिए संग्रहालय का पता लगा सकते हैं और ट्रेन यात्रा की विरासत का अनुभव कर सकते हैं। दिल्ली में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय रेलवे के प्रति उत्साही और सभी उम्र के आगंतुकों के लिए एक अनूठा और शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है।

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