मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा चित्रकूट धाम बहुत ही पवित्र और आध्यात्मिक स्थान हैं। यह भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक प्रमुख तीर्थस्थल हैं। चित्रकूट, हिन्दुओं की आस्था का केंद्र हैं। यहां पर भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण सहित अपने वनवास के 11 वर्ष बिताए थे। चित्रकूट के सुंदर प्राकृतिक पर्वत पर कल-कल करते हुए बहते झरने, घने जंगल और चहकते पक्षी का दृश्य आपके मन को मोह लेंगे। यहां की खूबसूरती देखने के लिए दूर दूर सें पर्यटक आते हैं। चित्रकूट घूमने के लिए आप अपने दोस्तों या फैमिली के साथ जा सकते हो।
चित्रकूट में घूमने के लोकप्रिय पर्यटक स्थल – Chitrakoot Me Ghumne Ki Jagah
चित्रकूट में घूमने की बहुत सी जगहें मौजूद हैं, लेकिन आप इस लेख में चित्रकूट में घूमने के लोकप्रिय पर्यटक स्थल के बारे में जानेंगे। चित्रकूट में दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। आइए जानते हैं Chitrakoot Me Ghumne Ki Jagah कौन-कौन सी हैं।
1. रामघाट
रामघाट चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के तट पर बना हुआ एक सुंदर घाट हैं। रामघाट के दोनों तरफ के किनारों पर आपको बहुत सारे पुराने मंदिर देखने को मिल जाएंगे। रामघाट में आप रंग बिरंगी नाव की सवारी का भी मजा ले सकते हैं। इन नावों में आपको खरगोश भी देखने को मिल जाएंगे, जो पर्यटकों को बहुत ही पसंद आते हैं। मंदाकिनी नदी के ठंडे पानी में आप स्नान का आनंद भी ले सकते हैं।
2. गुप्त गोदावरी गुफाएँ
गुप्त गोदावरी गुफा एक प्राचीन और धार्मिक स्थल हैं। यह चित्रकूट के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक हैं। गुप्त गोदावरी में आपको दो गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं। जिनमें से एक गुफा बड़ी हैं और दूसरी गुफा उससे छोटी लेकिन उससे लम्बी हैं। जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं।
इन गुफाओं के बारे में कहा जाता हैं, कि भगवान श्री राम और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान इस गुफा में दरबार लगाया था। गुप्त गोदावरी गुफाएँ में से एक गुफा में आपको रामदरबार देखने को मिलता हैं, और दूसरी गुफा में आपको गोदावरी नदी देखने को नहीं मिलती हैं। परन्तु इसे गुप्त गोदावरी के नाम से जाना जाता हैं।
3. लक्ष्मण पहाड़ी
लक्ष्मण पहाड़ी चित्रकूट की एक धार्मिक स्थल हैं, और यह कामदगिरि पहाड़ी के पास स्थित हैं। इस पहाड़ी में आपको भगवान श्री राम, लक्ष्मण और भरत का मंदिर देखने को मिल जाएगा। लक्ष्मण पहाड़ी तक पहुंचने के लिए आपको रोपवे की सुविधा मिल जाती है। जब आप कामदगिरि परिक्रमा करेंगे, तो आपको लक्ष्मण पहाड़ी देखने को मिलेगी। लक्ष्मण पहाड़ी से आप चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
यहां पर आपको रोपवे की सुविधा मिल जाएगी। अगर आप रोपवे का इस्तेमाल ना करना चाहे, तो आप सीढ़ियों की सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हो। साथ ही साथ इस पहाड़ी में खंभे बने हुए हैं। इन खंभे को आपको भेटना पड़ता हैं। यानी आपको इन खंभों को गले लगाना पड़ता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि भरत जी यहां पर आए थे, और भगवान श्री राम जी के गले मिले थे। इस आधार से इन खंभों को भेटना कहते हैं।
4. कामदगिरि मंदिर
कामदगिरि, चित्रकूट के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से सबसे प्रमुख और सबसे प्राचीन स्थल हैं। कामदगिरि के मुख्य देवता भगवान कामतानाथ हैं। ऐसा माना जाता हैं कि कामतानाथ के दर्शन करने के बाद, जो भी श्रद्धालु परिक्रमा करता हैं। उसके मन में जो भी इच्छा होती हैं। वह जरूर पूरी होती हैं।
यहां पर आपको हजारों श्रद्धालु नंगे पैर परिक्रमा करते हुए मिल जाएंगे। इसलिए यहां हर साल दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामनाएं माँगने आते हैं। यह परिक्रमा 5 किमी. की हैं, और परिक्रमा करते समय आपको मार्ग में बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिल जाएंगे। इनमें से कुछ मंदिर बहुत ही पुराने हैं।
5. हनुमान धारा
हनुमान धारा चित्रकूट में एक पहाड़ी पर स्थित झरना हैं। हनुमान धारा एक प्राचीन और धार्मिक स्थल हैं। हनुमान धारा पर हनुमान जी का मंदिर हैं, जो ऊंची पहाड़ी पर स्थित हैं। आप सीढ़ियां की सहायता से इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं। मंदिर पर आपको माता सीता जी की रसोई देखने को मिल जाएगी। यही पर माता सीता ऋषि मुनियों के लिए खाना बनाया करती थी। जब भी आप चित्रकूट जाए, तो हनुमान धारा जरूर विजिट करें।
6. स्फटिक शिला
दोस्तों स्फटिक शिला चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित बहुत ही सुंदर स्थल हैं। यहां पर आपको एक प्राचीन शिला देखने को मिलती हैं। कहा जाता हैं कि भगवान श्री राम जी और माता सीता जी आराम किया करते थे। स्फटिक शिला राम दर्शन संग्रहालय के बहुत करीब स्थित हैं।
7. भरत कूप
भरतकूप चित्रकूट के पास स्थित एक धार्मिक स्थल हैं। यहां पर चारों भाइयों श्री राम जी, लक्ष्मण जी, भरत जी और शत्रुघ्न जी का मंदिर स्थित हैं। यहां पर एक कुआं भी स्थित हैं। जिसके बारे में कहा जाता हैं, कि भगवान श्री राम जी का अयोध्या के राजा के रूप में अभिषेक करने के लिए भरत जी ने सभी पवित्र तीर्थों के जल को इस कुएं में एकत्रित किया था।
8. वाल्मीकि आश्रम
चित्रकूट से थोड़ी दूरी पर स्थित वाल्मीकि आश्रम एक प्रमुख आकर्षण पर्यटन स्थल हैं। यहां पर महान ऋषि वाल्मीकि रहा करते थे। यह आश्रम हरी-भरी एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित हैं। कहा जाता हैं कि भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण ने चित्रकूट के रास्ते में इस आश्रम का दौरा किया था। साथ ही इस स्थान पर माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। इसलिए पर्यटक यहां पर दूर-दूर सें इस सुंदर दृश्य को देखने के लिए आते हैं। आप जब भी चित्रकूट जाए, तो वाल्मीकि आश्रम को विजिट करना ना भूलें।
9. जानकी कुंड
जानकी कुंड मंदाकिनी नदी के किनारे पर स्थित एक प्राचीन कुंड हैं। जानकीकुंड चित्रकूट में स्थित एक बहुत ही सुंदर प्राचीन और धार्मिक स्थल हैं। इस कुंड के बारे में कहा जाता हैं, कि माता सीता वनवास के दौरान यहां पर स्नान किया करती थी। नदी के किनारे पैरों के निशान भी देखे जा सकते हैं, जो माता सीता के माने जाते हैं। मंदाकिनी नदी के दूसरी तरफ आपको हरियाली से भरा जंगल भी देखने के लिए मिल जाएगा।
10. सती अनुसुइया आश्रम
सती अनुसुइया आश्रम चित्रकूट का एक पवित्र स्थल हैं। यहां पर आपको प्रकृति का अनोखा दृश्य और एक भव्य मंदिर देखने के लिए मिलता हैं, जो माता सती अनुसुइया को समर्पित हैं। इस आश्रम के बारे में माना जाता हैं कि वनवास के दौरान भगवान श्री राम और माता सीता इस आश्रम में आए थे और माता सीता ने सती अनुसुइया से शिक्षा प्राप्त की थी।
यह आश्रम भारत की पौराणिक कथाओं को दर्शाती हुई मूर्तियों और कलाकृतियों से सुशोभित हैं। इस आश्रम का वातावरण हमेशा शांतिपूर्ण रहता हैं। कथाओं के अनुसार इस क्षेत्र में 10 वर्ष का सूखा पड़ा था। लोग सूखे की वजह से मर रहे थे, तब सती अनुसुइया ने एक कठिन तपस्या की और मंदाकिनी नदी को धरती पर लाया गया।