शेयर मार्केट में Dividend क्या होता हैं? Share Market Me Dividend Kya Hota Hai

जब कंपनी अपने शेयरधारकों को अपने मुनाफे में से कुछ हिस्सा देती है तो उसे डिविडेंड कहते हैं। डिविडेंड अक्सर नकद के रूप में होता है, लेकिन कंपनी अपने शेयरधारकों को कभी-कभी अतिरिक्त शेयरों के रूप में भी डिविडेंड देती है। डिविडेंड कंपनी की सालाना आय का एक हिस्सा होता है जिसे कंपनी अपने शेयरधारकों को देती हैं। कंपनी अपने शेयर धारकों को कितना डिविडेंड या अतिरिक्त शेयर देगी यह कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के द्वारा निश्चित किया जाता हैं। दोस्तों आपको इस लेख में डिविडेंड के बारे में पूरी जानकारी मिलने वाली है कि Dividend Kya Hota Hai, यह कैसे काम करता है, इसके प्रकार और इसके शेयर धारकों के लिए क्या फायदे हो सकते हैं।

Dividend क्या होता हैं – Share Market Me Dividend Kya Hota Hai

अगर आप शेयर बाजार में उन कंपनियों में निवेश करते हैं, जो लंबे समय से प्रॉफिट कमा रही हो और जिनकी वित्तीय स्तिथि अच्छी हो, तो इस प्रकार की कंपनियां अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देती हैं। डिविडेंड अपने शेयरधारकों को वही कंपनियां देती जो प्रॉफिट कमा रही हो। डिविडेंड आमतौर पर प्रत्येक शेयर के लिए एक निश्चित राशि के रूप में दिया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि एक कंपनी ₹3 प्रति शेयर डिविडेंड देती है और यदि आपके पास 200 शेयर हैं, तो आपको कुल ₹600 का डिविडेंड मिलेगा। डिविडेंड का भुगतान कंपनी द्वारा तिमाही, अर्ध वार्षिक या फिर वार्षिक रूप से किया जाता हैं।

डिविडेंड कैसे मिलता है? – Dividend Kaise Milta Hai

जब एक कंपनी अपने प्रॉफिट का एक हिस्सा अपने शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं। डिविडेंड देने की प्रक्रिया को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा निर्धारित किया जाता है। आइए जानते हैं यह प्रक्रिया किन तरीकों से काम करती हैं।

घोषणा तिथि (Announcement Date): डिविडेंड देने की प्रक्रिया में यह वह तारीख होती हैं जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के द्वारा डिविडेंड देने की घोषणा की जाती हैं और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के द्वारा यह भी निर्धारित किया जाता हैं कि शेयरधारकों को कितना डिविडेंड मिलेगा।

एक्स-तिथि (Ex-Date): डिविडेंड देने की प्रक्रिया में यह वह तारीख होती हैं जिसके बाद अगर कोई निवेशक शेयर खरीदता हैं, तो उसे डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेगा। डिविडेंड का लाभ केवल उन्हीं शेयरधारकों को मिलेगा जो Ex-Date से पहले शेयर खरीदे हो।

रिकॉर्ड तिथि (Record Date): डिविडेंड देने की प्रक्रिया में यह वह तारीख होती हैं जब कंपनी अपने रिकॉर्ड्स को अपडेट करती है और निर्धारित करती है कि कौन से शेयरधारक डिविडेंड पाने के लिए उपयुक्त हैं।

भुगतान तिथि (Payment Date): डिविडेंड देने की प्रक्रिया में यह वह तारीख होती हैं जब कंपनी के द्वारा डिविडेंड का भुगतान शेयरधारकों को किया जाता हैं।

डिविडेंड (Dividend) के क्या फायदे होते हैं।

कंपनी की मजबूती का संकेत: अगर कोई कंपनी नियमित रूप से डिविडेंड देती है, तो यह दर्शाता है कि कंपनी आर्थिक रूप से काफी मजबूत और स्थिर है। यह निवेशकों को विश्वास दिलाता है कि इस कंपनी में निवेश करना सुरक्षित और फायदेमंद हैं।

इनकम का बढ़ना: अगर आप ऐसी कंपनी में निवेश करते हैं जो डिविडेंड देती हैं। इसमें आपके शेयर की वैल्यू भी बढ़ेगी और आपको डिविडेंड भी मिलता रहेगा और आपकी इनकम भी बढ़ेगी। डिविडेंड का पैसा सीधे आपके बैंक खाते में मिलता हैं।

डिविडेंड (Dividend) देने की नीति क्या हैं।

दोस्तों हर कंपनी की डिविडेंड देने की अपनी नीति होती हैं, जो कंपनी की वित्तीय, इनकम और भविष्य की योजनाओं पर निर्भर करती हैं। जैसे कुछ कंपनियां अधिक डिविडेंड देती हैं और कुछ कंपनियां कम डिविडेंड देती हैं, जो कंपनी के इनकम और वित्तीय अवस्था का निर्भर होता हैं। कंपनी की डिविडेंड देने की नीति पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं।

1. कंपनी अपने शेयरधारकों को कितना डिविडेंड देगी यह कंपनी की इनकम पर निर्भर करता हैं। उच्च इनकम वाली कंपनियां अपने शेयरधारकों को अधिक डिविडेंड देने में सक्षम होती हैं।

2. अगर किसी कंपनी के पास भविष्य के लिए बड़े प्रोजेक्ट हैं, तो कंपनी अधिक पैसा अपने व्यवसाय में निवेश करना पसंद करेगी, इससे शेयरधारकों का डिविडेंड कम हो सकता हैं।

3. अगर किसी कंपनी के ऊपर अधिक कर्ज हैं, तो कंपनी को डिविडेंड देने से पहले कर्ज का भुगतान करना पड़ता हैं, जिससे शेयरधारकों को कम डिविडेंड मिल सकता हैं।

डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield) क्या होता है?

अगर कोई कंपनी अपने शेयरधारकों को शेयर की मार्केट कीमत की तुलना कितना डिविडेंड दे रही है, उसे डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield) कहते हैं। इससे पता चलता है कि हर कंपनी के स्टॉक की डिविडेंड उसकी क्षमता के हिसाब से अलग होती हैं।

Dividend Yield Formula:

डिविडेंड यील्ड (Dividend yield) = डिविडेंड/शेयर (Dividends Per Share) / शेयर मार्केट प्राइस (Current Share price) × 100

Example: माना किसी कंपनी के शेयर की कीमत 400 रूपए हैं और कंपनी 8 रूपए प्रति शेयर डिविडेंड देने वाली हैं, तो उस कंपनी की डिविडेंड यील्ड 2% होगी।

निष्कर्ष

निवेशकों के लिए डिविडेंड काफी महत्वपूर्ण होता हैं, यह निवेशकों को उनके निवेश पर एक नियमित इनकम प्रदान करता हैं। डिविडेंड कंपनी की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता हैं और कंपनी अपने प्रॉफिट में से आपको डिविडेंड प्रदान करती हैं। अगर किसी कंपनी का इस साल प्रॉफिट अच्छा रहा हो, तो आपको डिविडेंड भी अधिक मिलने की उम्मीद होगी। दोस्तों डिविडेंड के चक्कर में आप बिना सोचे समझे किसी भी कंपनी में निवेश ना करें। शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श जरूर करें। यह लेख आपको सिर्फ डिविडेंड के बारे में जानकारी देने के लिए है ना कि किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए ।

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